बुधवार, 16 अप्रैल 2025

"गुड फ्राइडे का महत्व: शांति, बलिदान और आत्मचिंतन का दिन"

 

"गुड फ्राइडे का महत्व: शांति, बलिदान और आत्मचिंतन का दिन"--

 Significance Of Good Friday 


गुड फ्राइडे क्या होता है 
 

गुड फ्राइडे एक ऐसा त्योहार है जैसे सब कोई खुशी से मानते है लेकिन उस दिन खुशी का दिन नहीं था क्योकि उस दिन इंसानियत को क्रूस  पर चढ़ा दिया गया था जिस दिन एक निर्दोस बेरहमी से पीटा  गया उसके लहू-लहान शरीर पर काटो से सजाया गया ये सिर्फ एक शुक्रवार नहीं था ये वह दिन था जिसने दर्द को चुम लिया जब पवित्रता को गुन्हेगार बना दिया गया और जब एक आदमी जिसे तुम यीशु मसीह कहते हो वो मौत को गले लगाने चला गया भीड़ चीला रही थी की इसे सूली पर चढ़ा दो सैनिक कोरे बरसा रहे थे और वह चुप-चाप सह रहा था उसके चहरे पर दर्द था और आँखो में माफ़ी, उसके लहू से धरती लाल थी लेकिन ओ ना कोई राजा था और फिर भी राजा वही निकला इतना कुछ होने के बाद भी  दुनिया  Good Friday कहती है आज हम उसी रहस्य से परदा उठायेंगे----

यीशु मसीह का जीवन 

यीशु मसीह एक ऐसा नाम जो समय को दो हिसो में बाट दिया BC और AD लेकिन कौन था ये व्यक्ति जो न राजा था ना ही सेनापति उसका नाम आज भी जिन्दा है, यीशु का जन्म एक गरीब बढ़ाई के घर हुआ उसने न कोई धन जोड़े न ही महल बनवाया फिर भी वह जहा गया प्रेम करुणा और चमत्कार उसके साथ चलते थे, वह अंधे को दृष्टि देता, भूखो को भोजन देता और मृत्को को जीवित करता था उसकी बाते सीधी आत्मा से बात करती थी, जब वह कहता था धन्य है जो दिन है तो लोग सुण्य हो जाते थे परन्तु यह सब सभी को पसंद नहीं आया और नेताओ को उनका सच्चा सीधा सत्य अखरने लगा वह सचाई के उजागर कर रहा और पाखंड को चुनौती दे रहा था यीशु ने खुद को  ईश्वर का पुत्र कहा यही से शत्रुता सुरु हुई यहूदी धर्म के गुरु उसे ईशनिंदा के दोसी मानने लगा था यही सब से बड़ा खतरा बन गया क्योंकी यीशु अब एक व्यक्ति नहीं वह एक बहुत बड़ा आन्दोलन बन गया था 

शिष्य निकला धोखेबाज 😌😌

यीशु  मसीह ने 12 शिष्य को चुना था  वे सब उसके साथ खाते, चलते प्रार्थना और जीवन के पथ सीखते उन्ही में से एक था यहूदी इस्करियोती एक करीब शिष्य पर इसी ने धोखा दिया एक रात यीशु अपने बगीचे गेतसमनि में प्रार्थना कर रहे थे उसका चेहरा गंभीर था जैसे की जानता हो की कुछ बड़ा घटने वाला है तभी अंधरे में मसाले चमकी सैनिक आये और उनके आगे-आगे चल रहा था यहूदी यीशु को वह शिष्य जिसने धोखा दिया पर उसने तलवार से वॉर नहीं किया नहीं कोई आरोप लगाया बस एक चुम्बन दिया और यही से सुरु होती है दर्द की दास्ताँ जिसके गूँज आज भी आत्माओ को हिला देती है यहूदी ने अपने गुरु को 30 चाँदी के सिको में बेच दिया पर यीशु ने उसे मित्र कहा 

39 कोरे और काटो का ताज 😰😰

 यीशु जनता था की ये सब उसे सहना ही होगा वो किसी और की गलती की कीमत चूका रहा था यीशु   को यहूदा के धोखे से गिरफ्तार किया गया और उसके बाद धार्मिक नेताओ और रोमी अधिकारिओ के सामने पेस किया गया उसे कोई क़ानूनी अपराध नहीं ठहराया जा सका इसलिए फर्जी गवाह तैयार किया गया, न्याय पालिका का उपहास उड़ाया गया लेकिन वह चुप रहा था  जैसे एक मेमना वध के लिए तैयार किया जा रहा हो जब कोई साबुत नहीं मिला तो भीड़ के मांग पर उसे दण्डित किया गया रोमी सैनिक ने उसे 39 कोरे मारे क्योकि 40 को मौत की सजा मन जाता था, पर कोरे पीठ को चीरता गया रक्त बाह रहा था लेकिन वह चुप रहा था  फिर उसे एक काटो का ताज पहनाया गया कटे उसके खोपरी के अंदर घुस गया और रक्त उसकी आँखो से निचे बह रहे थे सैनिक हसते और उसे यहुदीओ का राजा कहते मजाक उड़ाते, यीशु यह सब सहते रहा जैसे प्रेम ने पीरा को गले लगा लिया हो फिर उसे आदेश मिला की खुद अपना क्रूस उठा कर गोलगाठा तक जाना होगा एक भारी लकड़ी का क्रूस  को उसके पीठ ने ढोया जो पहले से ही रक्त से लहू-लहान हो रास्ते में लोग हस्ते थूकते धिक्कारते कुछ औरते रोती रही लेकिन अधिकतर लोग तमाशा देख रहे थे कुछ समय बाद गोलगाठा था पहुंचा तो वहा  उसे कुरूस पर लेटाया गया और उसे हाथो और पैरों में लोहे के कील ठोके गए लेकिन यीशु चुप था लोग अभी भी हस  रहे थे और बोल रहे थे की अगर तू मशीह है तो खुद को बचा ले पर उसने किसी को जबाब नहीं दिया बल्कि उसने ऊपर देखा और बोलै हे पिता इन्हे छमा कर क्योकि ये नहीं जानते है की ये क्या कर रहे है, फिर यीशु ने एक अन्तिम शब्द कहा " पूर्ण हुआ" और अपनी आत्मा पिता के हाथो में दे दिया 

यह बलिदान है तो Good Friday क्यों कहते है 

क्योकि क्रूस पर यीशु ने मृत्यु नहीं पाई उसने मृत्यु को मारा उस दिन शैतान को हराया गया अधुलोग को खोला गया और स्वर्ग के द्वार मनुष्य के लिए खोल दिया गया, उसने मृत्यु पर विजय प्राप्त की लेकिन वह केवल शुरुआत ही था गुड फ्राइडे दुखद है लेकिन यह पराजय नहीं है यह विजय के द्वार है-- 

1. Good Friday हमें यह बताता है की न्याय जल्दी नहीं आता लेकिन आता है तो इतिहास बदल देता        है 

2. यह दिन हमें याद दिलाता है की बलिदान में ही मुक्ति है प्रेम की कोई सिमा नहीं होती 

3. यह हमें सिखाता है की दुःख के पीछे कोई उद्देस्य हो सकता है और मृत्यु के बाद भी जीवन सम्भव        है 

   

इसलिए यह सोक का दिन नहीं है 

गुड फ्राइडे 2025 के अनुसार 18 अप्रैल दिन शुक्रवार को मनाया जायेगा 










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